केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी सीबीएसई की टर्म 1 बोर्ड परीक्षा (CBSE Class 10th and 12th Term 1 Board Exam) देने वाले छात्रों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगा है और कोर्ट ने छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) का विकल्प उपलब्ध कराने का आदेश देने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सीबीएसई के साथ सीआईएससीई के 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को झटका लगा है.
एग्जाम प्रोसेस में हस्तक्षेप करना उचित नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं (CBSE Board Exam) पहले ही शुरू हो गई है. पूरी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना और उसमें बाधा डालना उचित नहीं है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ न करें. अधिकारी अपना काम अच्छे से करें. अब बहुत देर हो चुकी है.
सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में कही ये बात (Supreme Court on CBSE 10th-12th Exam)
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी सीबीएसई (CBSE) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि ऑफलाइन मोड से बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए सभी एहतियात बरती गई हैं. इसके साथ ही परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 15000 तक की गई हैं. इसके अलावा परीक्षा की अवधि 3 घंटे से घटाकर 1.5 घंटे की गई है.