चंडीगढ़: मांगों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर के नेतृत्व में इलाके के किसानों ने शुक्रवार को लालड़ू में गांव सरसीनी के पास चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे को जाम कर दिया। किसान सड़क पर बैठे हुए और दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लगी हैं। किसान साथ में ट्रैक्टर- ट्रालियां लेकर पहुंचे हैं। pic-symbolic only
गौर करने वाली बात है कि बीते बरसात के दिनों में आई बाढ़ के कारण इलाके में काफी तबाही हुई थी। लिहाजा कई किसानों की जमीन तबाह हो गई थी। किसान सरकार से मांग कर रहे थे। मांगें पूरा न होते देखकर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर ने रोष स्वरूप अंबाला चंडीगढ़ हाईवे पर स्थित गांव सरसीनी के निकट हाईवे जाम कर दिया। इसके चलते अंबाला से चंडीगढ़ की ओर जाने वाला यातायात काफी प्रभावित हुआ जबकि चंडीगढ़ से अंबाला की ओर जाने वाले यातायात को लालड़ू आईटीआई से डायवर्ट किया गया। मुख्य मांगें- घग्गर नदी के किनारे टिवाना गांव से लेकर नए बने अंबाला चंडीगढ़ मार्ग तक बांध पक्का किया जाए बाढ़ के कारण प्रभावित हुई जमीन का मुआवजा से कम एक लाख रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाए बाढ़ के कारण जमीन में अधिक मिट्टी बहने के कारण फसलों के खराब होने का मुआवजा दिया जाए, 50 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। किसानों ने कहा कि मुआवजा देने की जमीन पांच एकड़ तक की शर्त को हटाकर कुल खराब हुई जमीन का मुआवजा दिया जाए। बाढ़ के कारण प्रभावित हुई ट्यूबवेल पानी की पाइप लाइन सरकार द्वारा डाली जाए। बाढ़ के कारण प्रभावित हुई बिजली की लाइनों को ठीक करवाया जाए। ब्लॉक डेराबस्सी के घग्गर और झरमल नदी और बरसाती नालों में आ रही फैक्ट्री का गंदा पानी तुरंत बंद किया जाए या फिर साफ करके छोड़ जाए।