केंद्रीय बजट 2023 आने वाला और देश भर में व्यापारी वर्ग सहित लोगों में जिज्ञासा बनी हुई है कि इस बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देशवासियों को क्या-क्या रियायतें देने जा रही हैं। जानकारी तो ऐसी भी मिली है कि कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के सुझाव पर देश भर के व्यापारी संगठन बजट के दिन 1 फरवरी को देश के सभी राज्यों के प्रमुख शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी स्क्रीन लगाकर बजट को लाइव देखने की व्यवस्था कर रहे हैं। बताया गया है कि कैट की ओर से बजट के मद्देनज़र केंद्र सरकार से इस तरह की मांगे रखी गई हैं। अब ये तो टाइम ही बताएगा कि सरकार किन मांगों को स्वीकार करती है।
– उत्तर प्रदेश राज्य की तर्ज पर सभी व्यापारियों के लिए बीमा योजना लागू हो.
– जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा हो.
– आयकर की कर दरों में कमी करने की घोषणा हो.
– रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानूनों और नियमों की पूर्ण समीक्षा हो.
– एक राष्ट्र -एक कर की तर्ज पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति लागू हो।
– व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना हो.
– छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग का मानदंड लागू हो.
– बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिए व्यापारियों को आसानी से कर्ज दिया जाए.
– नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज एवं माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस के जरिए व्यापारियों को कर्ज दिलाने के लिए सक्षम बनाया जाए।
– व्यापारियों में आपसी भुगतान और आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होना चाहिए.
– स्पेशल इकॉनोमिक जोन की तर्ज पर गांवों के निकट स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की घोषणा.
– आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन होना चाहिए.
– व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा.
– उपभोक्ता कानून के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करना.
– ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा हो.
– ई-कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन की घोषणा हो.
– रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा हो.
– केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणा हो.
– डिजिटल भुगतान के अधिक उपयोग के लिए व्यापारियों को कर भुगतान में छूट के संदर्भ में प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा हो.