चंडीगढ़। हरेक परिवार की बच्चों से अपेक्षाएं तो रहती ही और कुछ हद तक जायज़ भी है। आखिर बच्चों की जिंदगी और समाज में परिवार की साख का सवाल जो ठहरा। पर.. कई दफा बच्चे प्रैशर नहीं झेल पाते और भावुक होकर कहें या डिप्रेशन के चलते जिंदगी खत्म करने जैसा कठोर कदम भी उठा लेते हैं। ठीक है कि जिंदगी तो खत्म कर ली पर इसके पीछे क्या ऐसे कारण रहे जो परिवार का अनमोल मेंबर छीनने की वजह बने, सवाल अनसुढे रह जाते हैं। यहां बात कर रहे हैं पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ के स्टूडेंट रहे प्रदीप की जिसने शनिवार की रात अपने हॉस्टल रूम में फंदा लगाकर आत्महत्या करने से पहले चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। इसमें उसने सबसे पहले खुद को कोसा है। अपनी किस्मत को दोष दिया है और फिर मां से माफी मांगी है। जानकारी के अनुसार, पीयू के बॉयज हॉस्टल नंबर-2 के कमरे में एमटेक की पढ़ाई कर रहे महेंद्रगढ़ (हरियाणा) के प्रदीप ने आत्महत्या कर ली थी। रविवार दोपहर प्रदीप के शव का पोस्टमार्टम पीजीआई में किया गया। बाद में पुलिस ने शव को परिजनों के हवाले कर दिया।