इस बार कांवड़ यात्रा 14 जुलाई से शुरू हो जाएगी. इसमें गंगा जी से जलभर लाया जाता है और भोलेनाथ पर जल अर्पित किया जाता है. इस दौरान नियमों का पालन न करने से यात्रा का पूरा फल नहीं मिलता. इस दौरान किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए. साथ ही, मांस आदि से भी परेहज करें. कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ को जमीन पर न रखें. अगर आप कहीं आराम करना चाहते हैं, तो कांवड़ को पेड़ पर या फिर किसी स्टैंड आदि पर रखें. मान्यता है कि कांवड़ को नीचे रखने पर व्यक्ति को दोबारा गंगाजल भरकर लाना पड़ता है.