चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी में हिस्सेदारी के मुद्दे पर सोमवार को पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक बिना किसी सहमति के खत्म हो गई है। दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच ३ जुलाई को दोबारा बैठक होगी। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की इस अहम बैठक की अध्यक्षता चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने की थी।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि हरियाणा के कॉलेजों की भी पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ संबद्धता होनी चाहिए। इसके लिए हरियाणा की ओर से बीते अर्से में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी गुहार लगाई जा चुकी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मीटिंग में जोर देकर कहा, हरियाणा सरकार, केंद्र के साथ मिलकर पंजाब विश्वविद्यालय को आगे ले जाएगी, ताकि ये यूनिवर्सिटी और समृद्ध हो और इसकी जरूरतें पूरी हों।
दूसरी तरफ, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ये यूनिवर्सिटी राज्य की विरासत है। इस पर पंजाब किसी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं करेगा। मान ने कहा कि पीयू पंजाब के लोगों के साथ भावनात्मक रिश्ता है। यह राज्य की विरासत का प्रतीक है। पंजाब यूनिवर्सिटी केवल पंजाब और उसकी राजधानी चंडीगढ़ की जरूरतों को पूरा करती है। इस पर पंजाब का मौजूदा कानूनी और प्रबंधकीय दर्जा बहाल रखा जाना चाहिए। मान ने याद दिलाया कि वर्ष 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी को संसद द्वारा लागू किए पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 की धारा 72 (1) के अधीन इंटर स्टेट बॉडी कारपोरेट घोषित किया गया था।